बहुत गुरूर है तुझको ऐ सिरफिरे तूफां हमें भी जिद है कि सबको दरिया को पार कराना है। ये पंक्ति इस समाजसेवी संस्था पर सार्थक हो रही हैं।
वर्तमान में वैश्विक महामारी covid-19 से समाज का हर वर्ग किसी न किसी रूप में प्रभावित हो रहा है।प्रदेश ही नहीं पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस की समस्यां से जूझ रहा है। ऐसे में हर व्यक्ति कोरोना वायरस से जुझ रहे लोगों की मदद करने में आगे आ रहे …हर व्यक्ति एक दूसरे की मदद करने में जुटा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व् राज्य सरकार ने भी लोगो से अपील की है की सभी अपने घरो में रहे व् जरुरत हो व् आवश्यक कार्य से ही बहार निकले/
लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरी कर रोजगार पाने वालों पर पड़ा है। उनके सामने इस समय दो समय का खाना जुटाना भी एक बड़ी समस्या है। ऐसे समय में इन लोगो की मदद करना हम सभी का सामाजिक दायित्व बनता है। इसी कड़ी में देहरादून की संस्था ” society for awareness of women advocacy and literacy” (सवाल ) द्वारा विगत एक माह से ऐसे कई जरूरतमंदों को राशन देकर मदद पहुँचाई जा रही है। संस्था किसी नाम या सम्मान के लिए नही बल्कि समाज सेवा के रूप में इस मिशन को आगे बढ़ा रही है
अपितु सवाल संस्था की संस्थापक लक्ष्मी बिष्ट (मधु) का कहना है कि नगर में ही ऐसे अनेकों मध्यमवर्गीय परिवार हैं जो रोज कमाते खाते थे। लॉकडाउन होने के चलते उनका काम काज पर काफी असर हुआ है।जिसके चलते उनके सामने जीविका चलाने की समस्या उत्पन्न हो गई। इसके बाद उनकी संस्था स्वयं उन जरूरत मंद लोगों तक पहुंचकर लोगों को सामग्री देने का कार्य कर रही है
उन्होंने बताया की देहरादून एजुकेशनल हब होने के कारण यहाँ दूर दराज़ क्षेत्रो व् अन्य राज्यों के बच्चे यहाँ पढ़ने आये है जो वर्तमान में लॉक डाउन होने के कारण यहीं फसे है उन्हें प्राथमिकता देते हुए संस्था द्वारा उन्हें भोजन व् खाद्य सामग्री निरंतर उपलब्ध करवाई जा रही
उन्होंने इस मुहीम में श्रीमती अंजुश्री जुयाल (ऐ. डी. जे), अमित चंदेल, दिशांत चंदेल, अमित ममगाईं, श्रीमती वंदना शर्मा, वैभव चंदेल, श्रीमती रजनी (शिक्षिका) ,मानस बर्थवाल आदि ने श्रीमती हेमा जोशी ,सुनील अग्रवाल ( अध्य्क्ष सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट देहरादून), श्रीमती उपमा शुक्ला,वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द नौटियाल ,अरुण नेगी संस्था से जुड़े तमाम समाजसेवियों का आभार व्यक्त किया है