ऋषिकेश। जिले की सीमाओं पर रैंडम सैम्पलिंग के लिए तैनात चिकित्सकों और पुलिस को अव्यवस्थाओं के चलते जूझना पड़ रहा है। आलम यह है कि तपती धूप के बीच पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन सरकारी नुमाइंदे इस पर कुछ कहने से हिचकिचा रहे हैं। ऐसे में सरकारी मशीनरी इन कोरोना योद्धाओं की देख रेख कैसे कर रही है । यह सब देखा जा सकता है।
दरअसल प्रवासियों के लौटने के बाद से राज्य में हर जिले की सीमाओं पर प्रवेश करने वाले हर शख्श की रैंडम सैंपलिंग के लिए पुलिस बल और स्वस्थय विभाग की टीम को तैनात किया गया है। प्रवासियों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस रैंडम सैंपलिंग की कवायद और तेज कर दी गई है। इसी कड़ी में हरिद्वार जनपद और देहरादून जनपद को जोड़ने वाली सीमा रायवाला सप्तऋषि पर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम और पुलिस बल को तैनात किया गया है। शुक्रवार को भी बाहरी जिले से आने वाले सैकड़ों लोगों की सैंपलिंग ली गई। जिन्हें सीमाडेंटल या जॉली ग्रांट आदि सेंटरों में क्वारंटाईन के लिए भेज दिया गया। खास बात यह है कि सैंपलिंग के लिए तैनात स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक मात्र टीन शेड में स्वास्थ्य कर्मी सैंपलिंग का काम कर रहे हैं। तपती धूप के चलते इन कर्मचारियों को गर्मी से बेहाल होना पड़ रहा है। आलम यह है कि सुरक्षा के दृष्टिगत पहनी हुई पीपीई किट में कर्मचारियों को गर्मी झेलनी पड़ रही है। जबकि एक पंखे की भी व्यवस्था उक्त स्थान पर नही की गई है। इसके अलावा पुलिस कर्मी भी सड़कों पर तैनात होकर कड़क धूप में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। बहरहाल अपनी परेशानी को लेकर कोई भी कर्मचारी कुछ भी कहने को तैयार नही है। ऐसे में प्रदेश के सरकारी तंत्र को इन कोरोना फाइटर के लिए उचित इंतेजामात करने की आवश्यकता है।