जनपद में पंचायत चुनाव का इतिहास टकराव के साथ एकता की भावना को भी समेटे हुए है। एकता की मिसाल कायम करते हुए कई जनप्रतिनिधि निर्विरोध चुने गए। चुनाव कराने की नौबत ही नहीं आयी। प्रधान, ब्लाक प्रमुख से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक निर्विरोध चुने गए।
पंचायत चुनाव में लाखों-करोड़ों रुपये लोग पानी की तरह बहा देते हैं। वहीं पद कब्जाने के लिए खून बहाने में भी नहीं हिचकते। कुछ गांव तो ऐसे हैं जहां पर हर बार निर्विरोध प्रतिनिधि चुनने का प्रयास किया जाता है। इसमें कुछ हद तक कामयाबी भी मिल जाती है
क्षेत्र पंचायत नरेंद्र नगर के ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव में हाई वोल्टेज ड्रामेबाजी के बीच एक ही नाम नामाकन पत्र दाखिल हुआ अब भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है आज ब्लॉक प्रमुख की दावेदारी को लेकर भाजपा कृत प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी ने ही अपना नामांकन पत्र भरा जिनके विपक्ष में कोई भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं हुआ है जिससे कि राजेंद्र भंडारी के समर्थकों में खासा उत्साह देखने को मिला
यह पहली बार है कि नरेंद्र नगर में निर्विरोध ब्लाक प्रमुख चुना गया हो इसे कहीं ना कहीं स्थानीय विधायक और उत्तराखंड सरकार में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की जी तोड़ मेहनत भी बताया जा रहा है क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों को देखते हुए विपक्ष के खेमे से कोई भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं हुआ जिस पर सुबोध उनियाल ने निर्विरोध चुने गए ब्लॉक प्रमुख राजेंद्र भंडारी को शुभकामनाएं दी है