विगत दिनों विधानसभा नरेंद्रनगर और विकासखंड देवप्रयाग के बौंठ गांव में बादल फटने से लोगों के मकान व खेती की जमीन भयावह मंजर में तब्दील हो चुकी है, घटना के 19 दिनों के बाद भी शासन-प्रशासन की ओर से पीड़ितों को नहीं पहुंचाई गई कोई मदद; कोरोना की जंग जीतने के बाद क्षेत्र के पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने किया गांव का दौरा, सरकार से ग्रामीणों को मदद दिलाने का दिया आश्वासन
विगत 11 मई को नरेंद्रनगर विधानसभा और विकासखंड देवप्रयाग की पट्टी भरपूर स्थित बौंठ गांव में बादल फटने से ऐसी तबाही मची कि फसलों से लहलहाते हुए गांव के खेत और 7 कमरों के दो बड़े मकान देखते ही देखते मलबे की भेंट चढ़ गये,मिट्टी, पानी और बोल्डरों के सैलाब ने बौंठ गांव का नक्शा, भूगोल सहित सब कुछ खंडहर में बदल कर रख दिया,
ओंकार सिंह बिष्ट का 5 कमरों का मकान तथा किशन सिंह रावत का 2 कमरों का मकान मलबे में जमींदोज़ हो गया, गांव के 60 काश्तकारों के खेत इस मलबे की भेंट चढ़ गये, खेतों की जगह बड़े बोल्डर और पत्थर ही नजर आ रहे हैं,
आपदा में मकान गवां चुके ओंकार सिंह और किशन सिंह का तो मानो सब कुछ लुट गया है, उनके चेहरों पर बेबसी साफ झलक रही है,प्रकृति की इस मार से बेबस पूरा गांव हताश और उदास है,ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें मकान से लेकर खेतों का पूरा मुआवजा दिया जाए, क्षतिग्रस्त,गूल,पैदल मार्ग,पेयजल लाईनों की मरम्मत का काम अभिलंब शुरू कर दिया जाए।
घटना के बाद राजनीतिक दलों के नेताओं ने गांव में हुई तबाही का जायजा लिया, पटवारी जी नुकसान की रिपोर्ट शासन को भेजी है, मगर सरकार की ओर से पीड़ित ओंकार सिंह और किशन सिंह को फौरी तौर पर अभी तक कोई राहत पैकेज नहीं दिया गया है।
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