स्थानीय सेंचुरी पेपर मिल द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण को लेकर बीते कुछ महा से बिंदुखत्ता वासियों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन पर ग्रामीणों ओर अधिकारियों के बीच हुई वार्ता के बीच आज उपजिलाधिकारी हल्द्वानी के नेतृत्व में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, वन विभाग, चिकित्सा विभाग और राजस्व विभाग सहित तमाम विभागों के अधिकारियों ने प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्रों में जांच की। इस दौरान जांच टीम ने दूषित नाले के पानी के सेम्पल भी लिये।
बताते चलें कि लालकुआ में हजारो लोगों को रोजगार देने वाली एशिया की सबसे बड़ी पेपर मिल में शुमार लालकुआ सेंचुरी पेपर मिल पिछले कई दशकों से क्षेत्रवासियों को रोग परोस रही है। मिल की असमान छूती चिमनिया से निकालने वाला जहरीला धूएं ने नगर ही नहीं बल्कि इसके आस पास गांव को भी अपनी जद में ले रखा है। वही मिल के केमिकल युक्त दूषित नाले ने कितने लोगों को आपने आगोश में ले लिया है यहां कोई नहीं जानता है। इसी को लेकर कई बार स्थानीय लोगों ने प्रर्यावरण बोर्ड में शिकायत ही नहीं कि बल्कि मील गेट से लेकर उप जिलाधिकारी कार्यालय तक धरना दिया। लेकिन मिल प्रबंधक कि ऊची पकड़ के चलते यहां समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है।
सन 1984 में तात्कालिन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने के मकसद से बिरला ग्रुप की पेपर मिल स्थापित की जिसको लोग सेंचुरी पेपर मिल से जानते हैं। जो कि पुरे एशिया की सबसे बडे़ पेपर उघोग के रूप में जानी जाती है। लेकिन यहां मील हजारों लोगों को रोजगार देने के साथ ही आपनी चिमनियोंं से निकलने वाले जहरीले धुएं से सक्रमण रोग भी परोस रही है। वही बात करें बीते बर्षो कि तो मील से निकलने वाले जल, वायु, ध्वनि के प्रदूषण ने लोगों का जीना दूभर हो गया है। वही मील से निकलने वाले केमिकल युक्त दूषित नाले ने किसानों की फसलों को भी चोपट किया हुआ है। मील से निकलने वाले जहरीले प्रदूषण से निजात दिलाने की मांग को लेकर लालकुआ, घोड़ानाला, बिन्दुखत्ता, हल्दूचोड, शान्तिपुरी क्षेत्र के लाखों क्षेत्रवासी शासन प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है। माना जाये तो बिरला ग्रुप को प्रशासन ने भी प्रदूषण परोसने की खुली छूट दे रखी है। वही मील प्रबन्धन ने भी प्रदूषण से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं। वहीं मील से निकलने वाले केमिकल युक्त दूषित पानी ने ग्रामीणों की जमीनों को बंजर कर दिया है। जिसे लोगो को काफी परेशानी हो रही है।
वही मिल से निकाल रहे जहरीले दूषित नाले को भूमिगत करने की मांग को लेकर अन्दोलन कर रहे बिन्दुखत्ता वासियों की पर जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच कामेठी प्रभावित क्षेत्रों में पहुची जहां जांच टीम ने दूषित पानी के सेम्पल भरे जिसकी जांच के लिए लेब में भेजे जायेंगे।
इधर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी बी के चतुर्वेदी ने बताया जिला अधिकारी के निर्देश पर आज सभी सम्बाधित विभाग के अधिकारी पहुचे है तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दूषित पानी के सेम्पल लिये जिसको जांच को बोड के लेब में भेजा जायेगा।
इधर अन्दोलनकारियो ने जिला अधिकारी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी मांग पर आज प्रदुषण बोर्ड द्वारा जो जांच की जा रही है बो जांच इमानदारी से हो तथा लोगों को जिला अधिकारी पर विश्वास है तथा इस जांच से लोगों को सही न्याय मिल पायेगा।
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