कैग ने पाया कि जिला अस्पताल पिथौरागढ़ में ब्लड बैंक 1998 से बगैर वैध लाइसेंस के संचालित हो रहा है। संयुक्त निरीक्षण टीम ने 2002, 2007 व 2018 में कमियों दूर करने को जो कहा था, उसे भी पूरा नहीं किया गया। लाइसेंस प्राधिकारी ने खराब कार्यपद्धति के बावजूद डोनर और प्राप्तकर्ता दोनों के जीवन को खतरे में डालते हुए कोई कठोर कार्रवाई नहीं की।
35 में से 13 के पास एक्सपार्यड लाइसेंस
एसडीसी के अभिलेखों की जांच में कैग ने पाया कि जून 2018 तक राज्य में संचालित 35 में से 13 ब्लड बैंक जिनमें 12 सरकारी हैं, एक्सपायर्ड लाइसेंस के साथ संचालित हो रहे थे। इन 13 ब्लड बैंकों में से दून ब्लड बैंक का मामला अनुमोदन के लिए सीडीएससीओ को भेजा गया था और छह ब्लड बैंक लाइसेंस अधिकारियों के निरीक्षण न किए जाने के कारण छह से दो साल तक की अवधि तक बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे थे।
छह मामलों में निरीक्षण अधिकारियों ने निरीक्षण किया था और विभिन्न कमियों के उजागर किया था। मसलन प्रयोगशाला और रक्त के भंडारण के लिए पर्याप्त स्थान नहीं था। साफ सफाई नहीं थी। ब्लड बैंकों से इन कमियों को दूर नहीं किया और पिथौरागढ़, उत्तरकाशी जिला अस्पताल के ब्लड बैंक 20 साल और 10 से अधिक वर्षों से बिना लाइसेंस के संचालित होते रहे।