ऋषिकेश । नमामि गंगे कार्यों की समीक्षा के लिए जनपद में गठित जिला गंगा सुरक्षा समिति देहरादून की 33वीं बैठक में जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने सीवरेज ट्रीटमेंट से जुड़े कार्यों की शिथिलता पर असंतोष जताया।
उन्होंने संबंधित ठेकेदार पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं।जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने नमामि गंगे अनुरक्षण एवं निर्माण इकाई (गंगा) के परियोजना प्रबंधक एके चतुर्वेदी से नमामि गंगे के तहत हो रहे सीवरेज ट्रीटमेंट कार्यों को लेकर जवाब मांगा। जिस पर परियोजना प्रबंधक ने अवगत कराया कि संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध लिक्विडिटी डेमेज के रूप में प्रतिदिन 63 हजार रुपये का जुर्माना लगाए जाने के लिए पेयजल निगम के महा प्रबंधक को पत्र प्रेषित किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि नमामि गंगे से जुड़े कार्यों पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नगर निगम ऋषिकेश के नगर आयुक्त नरेंद्र ङ्क्षसह क्वीरियाल ने अवगत कराया कि नगर में जैविक और अजैविक कूड़े के पृथकीकरण के लिए सभी वार्डों में कूडेदान वितरित किए जा रहे हैं। गंगा में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पिछले 15 दिनों में नौ हजार नौ सौ और प्रतिबंधित पॉलीथिन के प्रयोग पर 27 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया है। जिलाधिकारी ने एसडीएम ऋषिकेश को त्रिवेणी घाट के समीप गंगा अवलोकन गृह की स्थापना के लिए भौतिक निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने और नगर निगम को गंगा के समीप पक्का निर्माण न करने के साथ साथ अस्थायी निर्माण की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए गए।समिति की पिछली बैठक में समिति के नामित सदस्य पर्यावरणविद विनोद जुगलान ने मृत पशुओं के निस्तारण के अस्थायी व्यवस्था करने की मांग की। जिसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने मुख्य नगर आयुक्त ऋषिकेश व उपजिलाधिकारी ऋषिकेश को निर्देशित किया। समिति के सदस्य सुदामा ङ्क्षसघल ने चंद्रभागा के समीपवर्ती क्षेत्र में पेयजल निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रति असंतोष जाहिर किया। जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को दो सप्ताह के अंदर समस्या के समाधान के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी निकिता खंडेलवाल, उप जिलाधिकारी ऋषिकेश वरुण चौधरी, अधिशासी अभियंता जल संस्थान अजय कुमार, उप प्रभागीय वनाधिकारी बीबी मार्तोलिया, लोनिवि के उपखण्ड अधिकारी अनुभव नौटियाल, जल संस्थान के हरीश बंसल, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी आरएस चौहान, स्वजल देहरादून के कृष्ण बल्लभ थपलियाल आदि मौजूद रहे।