देहरादून । उत्तराखंड में व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से प्रदेश में छात्र-छात्राओं का हुनर तो निखरेगा ही, साथ ही 200 से अधिक अतिथि शिक्षकों को रोजगार भी मिलेगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा योजना के परिणाम को देखकर इसका विस्तार किया जाएगा।
राज्य के 200 माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ करने के लिए मैसर्स विजन इंडिया सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा के साथ शिक्षा विभाग सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर चुका है। पहले चरण में इसे नवीं और दसवीं में संचालित किया जाएगा। इन कक्षाओं के करीब 20 हजार छात्र-छात्राएं इस योजना से लाभान्वित होंगे। प्रत्येक विद्यालय में एक या दो व्यावसायिक विषय चलाने की योजना है। प्रत्येक विषय में 40 छात्र-छात्राओं को दाखिला मिलेगा। वर्ष 2021 में आठ व्यावसायिक विषयों के साथ इसे चलाया जाएगा।
हाईस्कूल में पांचवा अनिवार्य विषय
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि आठ विषयों को माध्यमिक स्तर पर अतिरिक्त विषय और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर पांचवें अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया गया है। इन विषयों को पढ़ाने के लिए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। प्रत्येक विद्यालय में प्रत्येक ट्रेड में अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा के परिणामों को देखकर सभी इंटर कॉलेजों में विस्तार किया जाएगा।
लेवल-चार की परीक्षा पास करने के बाद मिलेगा रोजगार
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे नवीं और दसवीं के 20 हजार छात्र-छात्राओं को पढ़ाई पूरी करने के साथ ही रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। आठ व्यावसायिक ट्रेडों में प्रशिक्षण लेने के बाद पात्र और इच्छुक प्रशिक्षित विद्यार्थियों को प्लेसमेंट दिलाने की व्यवस्था की गई है। लेवल-चार की परीक्षा पास करने के बाद उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे।
ये हैं आठ विषय
आइटी, ऑटोमेटिव, रिटेल, टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी, प्लंबर, इलेक्ट्रॉनिक एंड हार्डवेयर, एग्रीकल्चर एवं ब्यूटी एंड वेलनेस।