देहरादून । हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिलने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अब फ्रंटफुट पर उतर आए हैं। हाईकोर्ट के फैसले को लेकर उनकी जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल उठाने वालों को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि पद संभालने के दिन भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का वादा किया था। पिछले साढ़े तीन साल यही किया और पांच साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर भी इस पर कायम रहेंगे। वह कांग्रेस महासचिव हरीश रावत को भी कठघरे में खड़ा करने से नहीं चूके।
इंटरनेट मीडिया में मुख्यमंत्री के खिलाफ पोस्ट के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के सीबीआइ जांच के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थगनादेश दे दिए जाने के बाद पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन साढ़े तीन सालों में तमाम तरह के षड़यंत्र हुए। माफिया और भ्रष्टाचारी तत्व इकट्ठा होकर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जिस नीति पर हम चलते रहे हैं, उस पर पूरी तरह अडिग हैं। उन्होंने कहा कि कोई हमें हमारे रास्ते से अलग नहीं कर सकता। हाईकोर्ट का फैसला आने पर कांग्रेस ने इसे लपकते हुए सियासी मुद्दा बना दिया। यहां तक कि सरकार की बर्खास्तगी की मांग को लेकर राजभवन कूच तक कर दिया। अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कांग्रेस पर पलटवार किया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि वह उनसे पूछना चाहते हैं कि जब उनका स्टिंग हुआ था, तब यह व्यक्ति ब्लैकमेलर और स्टिंगबाज था। आज हरीश रावत की उससे क्या दोस्ती हो गई। उसका भी तो कुछ रहस्य खोलो। रहस्य को दबाए मत रखिए, अन्यथा जनता पूरा रहस्य खोल देगी।
सरकार और संगठन बना रहे जनता से संवाद
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि कोविड काल के दौरान कोशिश रही कि अधिक लोगों को मिल सकें। अब समस्या कुछ कम हुई है, प्रवास में तेजी लाए हैं। इसीलिए सरकार और संगठन के लोगों से कहा है कि जनता से संवाद बनाएं। इसकी खुद मैंने पहल की है। विभागीय कार्यों की समीक्षा रूटीन है। साल में एक बार अवश्य इस तरह की समीक्षा की जाती है कि विभागों को जो लक्ष्य दिए गए हैं, उन्हें कितना हासिल किया जा रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोविड से 25 प्रतिशत मौत 24 से 48 घंटे के अंदर हुई हैं। इसका कारण यह रहा कि अस्वस्थ होने पर लोग झोलाछाप से दवा लेते रहे या स्वयं ही दवा खरीदकर खाते रहे। अगर बुखार या अन्य लक्षण हों तो तुरंत क्वालीफाइड डॉक्टर के पास जाएं। इससे उचित उपचार होगा और पीड़ित जल्द स्वस्थ हो जाएगा।