देहरादून। भावातीत ध्यान योग के प्रणेता महर्षि महेश योगी की साधना स्थली और मशहूर रॉक बैंड बीटल्स की कर्मस्थली रही चौरासी कुटी के मोहपाश में अब पर्यटन महकमा भी बंधा है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार राजाजी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत ऋषिकेश से सात किमी के फासले पर सुरम्य वादी में स्थित चौरासी कुटी पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। वन विभाग से इसे पर्यटन विभाग को सौंपने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करेंगे।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि चौरासी कुटी को पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करना होगा। पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि राज्य में पर्यटन की विभिन्न गतिविधियों को संचालित करने के साथ ही हैरिटेज स्थलों के रखरखाव पर भी ध्यान देना आवश्यक है। इस कड़ी में उन्होंने चौरासी कुटी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि चौरासी कुटी एक धरोहर है, जो वर्तमान में देखरेख के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो गई है। अगर इसकी जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को मिलती है तो इसे वर्ल्ड हैरिटेज के रूप में संरक्षित करने के साथ ही दुनियाभर के पर्यटकों को यहां आकर्षित किया जा सकता है।
उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में सफारी पार्क विकसित करने की कार्ययोजना पर कार्य शुरू करने को भी कहा। उन्होंने बताया कि वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से वार्ता कर इस प्रयास में लगे हैं कि वहां से एक सफेद टाइगर को उत्तराखंड लाया जाए। पर्यटन मंत्री ने कहा कि चमोली जिले की नीती घाटी अब इनरलाइन की बंदिशों से मुक्त हो गई है।
लिहाजा, अगले साल वहां मार्च में टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा के साथ ही नीती घाटी में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के मद्देनजर अधिकारी अपना ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने राज्य में चल रही सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा कराने, राज्य के अंतिम गांवों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने, ऑडियो-वीडियो के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने, पर्यटकों को राज्य की संस्कृति के बारे में जानकारी देने को कदम उठाने के निर्देश भी दिए।
महाराज ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल विकास निगमों के एकीकरण की प्रक्रिया पर गंभीरता से कार्य किए जाने की जरूरत भी बताई। बैठक में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, अपर सचिव सोनिका, अपर निदेशक विवेक चौहान, पूनम चंद, उपनिदेशक वाईएस गंगवार, एसएस सामंत के साथ ही जीएमवीएन, केएमवीएन के प्रबंध निदेशक और अन्य अधिकारी मौजूद थे।