दिनांक २३.०२.२०२
तपोवन रैणी क्षेत्र में आई आपदा से ग्रस्त लोगों के शव भी अभी नहीं निकाले जा सके हैं ।व जबकि इसी क्षेत्र की परियोजनाओं में काम शुरु किये जाने की खबरों के बीच
ज्योतिष पीठ के पूज्यपाद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि जब तक लापता लोगों को खोजा नहीं जाता है तब तक निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना में किसी भी तरह का कार्य किया जाना अनैतिक और संवेदनाशून्य है।
उन्होंने कहा कि जब तक शव निकालकर उनके शोकाकुल परिजनों को नहीं सौंप दिये जाते, तब तक क्षेत्र की किसी भी परियोजना पर कार्य नहीं किया जाना चाहिए।
इसके अलावा भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए भी सरकार को सुरक्षा संबंधी उपायों की तत्काल घोषणा करनी चाहिए । उन्होंने कहा कि सरकार के पास प्रभावित लोगों के लिए क्या योजना है ? उसको भी सार्वजनिक करना चाहिए।
शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती ने कहा कि यदि पीड़ित लोगों के प्रति सरकार और प्रशासन का रवैया संवेदनहीन रहा तो उसे लोगों के आक्रोश का सामना करना पड सकता है ।
यहां प्रेस को जारी एक बयान में ज्योतिर्मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि अभी भी दर्जनों लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है तथा टनल के अंदर ढूंढनेका कार्य चल रहा है। उनकी जानकारी में आया है कि कुछ निर्माणाधीन कंपनियों ने निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है ।
उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक घोषणा करें कि आपदा में पीड़ित परिजनों के भविष्य को लेकर उनके पास क्या योजना है। शंकराचार्य ने कहा कि यदि सरकार ज्योतिर्मठ के अंतर्गत आने वाले पीड़ित परिजनों एवं उनके बच्चों के लिए कोई योजना नहीं बनाती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा ज्योतिर्मठ की ओर से पीड़ित परिवारों के लिए यथासंभव अपेक्षित मदद की जा रही है। उन्होंने कहा कि ज्योर्तिमठ आपदा सेवालय निरंतर पीड़ित परिजनों के संपर्क में है।