देहरादून: विकास को सीमांत क्षेत्रों तक समान रूप से पहुंचाना है तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को भी भूगोल नापना पड़ेगा। जिस राजधानी दून से पूरे प्रदेश की मशीनरी संचालित की जाती है, उसके सीमांत क्षेत्र भी अधिकारियों की सीधी पहुंच से महरूम है। दूरस्थ त्यूणी क्षेत्र की बात करें तो वर्ष 2016 के बाद से किसी जिलाधिकारी ने यहां का दौरा नहीं किया। तब तत्कालीन जिलाधिकारी रविनाथ रमन (अब मंडलायुक्त) ने त्यूणी का दौरा किया था।
इसके बाद दो जिलाधिकारी और दून में तैनात रहे, मगर वह भी सीमांत क्षेत्र का दौरा नहीं कर पाए। हालांकि, वर्तमान जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव अपने तीन दिवसीय क्षेत्र भ्रमण में न सिर्फ त्यूणी पहुंचेंगे, बल्कि वहां जनता की फरियाद भी सुनेंगे। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव शीतकालीन भ्रमण के तहत 17 दिसंबर को दून से प्रस्थान करेंगे। मसूरी, नैनबाग व पुरोला होते हुए वह हनोल (त्यूणी) पहुंचेंगे। उनका रात्रि विश्राम यहां के ग्राम मैंद्रथ में होगा और शाम चार से छह बजे तक वह जनता से रूबरू होकर उनकी समस्याएं सुनेंगे।18 दिसंबर की सुबह वह त्यूणी तहसील पहुंचेंगे और तहसील कार्यालय की व्यवस्थाओं को परखेंगे। दोपहर को वह चकराता क्षेत्र के ग्राम मंगताड़ पहुंचेंगे और जनता से रूबरू होंगे। इसके बाद 19 दिसंबर की सुबह वह चकराता से विकासनगर के लिए रवाना हो जाएंगे। वहां भी तहसील कार्यालय की व्यवस्थाओं को जांचा जाएगा और उसी दिन शाम को दून वापस पहुंच जाएंगे। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि तीन दिवसीय क्षेत्र भ्रमण के दौरान वह विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति का भी आकलन करेंगे।